शनिवार, 9 मई 2015

Dingal literature on Maharana pratap

अकबर समंद अथाह , तिहँ डूबा हिन्दू -तुरक।मेवाड़ी तिण माँह ,पोयण फूल प्रतापसी।।

वीरसिरोमणि महाराणा प्रताप कि प्रसंसा में         महाकवि दुरसाजी आढ़ा द्धारा रचित दोहावली
अकबर पत्थर अनेक,कै भूपत भेळा किया। हाथ न लागो हेक, पारस राण प्रतापसी।।
अकबरियै इक बार,दागळ की सारी दुनी।अणदागळ असवार, रहियौ राण प्रतापसी।।
अकबर गरब न आण,  हिन्दू सह चाकर हुआ।दीठौ कोय दीवाण,करतो लटका कटहड़े।।
अस लेगौ अण दाग, पाग लेगौ अण नामी।गौ आड़ा गवड़ाय, जिको बहतौ धुर वामी।।
लोपै हिंदू लाज,सगपण रोपै तुरक सूं। आरज-कुळ री आज,पूँजी राण प्रतापसी।।
सुख-हित सियाळ समाज,हिंदू अकबर-वस् हुआ।रोसिलौ भृगराज,पजै न राण प्रतापसी।।

परताप रो परताप

परताप रो परताप

प्रण पालण परताप पण ,आडवल अडि़यौह !
कुल कीरत राखण कठण,ले भालो लड़ियौह !!

अबखी बेळा आवियौ ,आडौ 'ज आडावळ !
पातळ पत पण राखियौ ,हियौ 'ज हिमाचळ !!

कायर किन्नर किम करै ,हिन्दुवा थारी हौड़ !
मळेछ  तो देख्या मरै, मूछां तणी मरोड़ !!

जस चावौ जबरांण जद ,आभै सूं अड़ियौह !
मन भरियौ महारांण मद , भट्ट विकट्ट भिड़ियौह !!

चेतक थारी चाकरी ,अब पूगी असमाण !
सांमखोरी साँतरी ,मन मँडी महाराण !!

माटी इण मेवाड़ री ,खास गुणां री खांण !
निबळा नर निपजै नहीं ऐकलिंग री आंण !!
( रतनसिहं चाँपावत रणसीगाँव )

Poem on Maharana pratap of Mewar

अरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो। नान्हो सो अमरयो चीख पड्यो राणा रो सोयो दुख जाग्यो। हूं लड्यो घणो हूं सह्यो घणो मेवाड़ी मान बचावण नै, हूं पाछ नहीं राखी रण में बैर्यां री खात खिडावण में, जद याद करूँ हळदीघाटी नैणां में रगत उतर आवै, सुख दुख रो साथी चेतकड़ो सूती सी हूक जगा ज्यावै, पण आज बिलखतो देखूं हूँ जद राज कंवर नै रोटी नै, तो क्षात्र-धरम नै भूलूं हूँ भूलूं हिंदवाणी चोटी नै मैं’लां में छप्पन भोग जका मनवार बिनां करता कोनी, सोनै री थाल्यां नीलम रै बाजोट बिनां धरता कोनी, अै हाय जका करता पगल्या फूलां री कंवळी सेजां पर, बै आज रुळै भूखा तिसिया हिंदवाणै सूरज रा टाबर, आ सोच हुई दो टूक तड़क राणा री भीम बजर छाती, आंख्यां में आंसू भर बोल्या मैं लिखस्यूं अकबर नै पाती, पण लिखूं कियां जद देखै है आडावळ ऊंचो हियो लियां, चितौड़ खड्यो है मगरां में विकराळ भूत सी लियां छियां, मैं झुकूं कियां ? है आण मनैं कुळ रा केसरिया बानां री, मैं बुझूं कियां ? हूं सेस लपट आजादी रै परवानां री, पण फेर अमर री सुण बुसक्यां राणा रो हिवड़ो भर आयो, मैं मानूं हूँ दिल्लीस तनैं समराट् सनेशो कैवायो। राणा रो कागद बांच हुयो अकबर रो’ सपनूं सो सांचो, पण नैण कर्यो बिसवास नहीं जद बांच नै फिर बांच्यो, कै आज हिंमाळो पिघळ बह्यो कै आज हुयो सूरज सीतळ, कै आज सेस रो सिर डोल्यो आ सोच हुयो समराट् विकळ, बस दूत इसारो पा भाज्यो पीथळ नै तुरत बुलावण नै, किरणां रो पीथळ आ पूग्यो ओ सांचो भरम मिटावण नै, बीं वीर बांकुड़ै पीथळ नै रजपूती गौरव भारी हो, बो क्षात्र धरम रो नेमी हो राणा रो प्रेम पुजारी हो, बैर्यां रै मन रो कांटो हो बीकाणूँ पूत खरारो हो, राठौड़ रणां में रातो हो बस सागी तेज दुधारो हो, आ बात पातस्या जाणै हो घावां पर लूण लगावण नै, पीथळ नै तुरत बुलायो हो राणा री हार बंचावण नै, म्है बाँध लियो है पीथळ सुण पिंजरै में जंगळी शेर पकड़, ओ दे�

शुक्रवार, 8 मई 2015

तावङो घणो

हम तो निकले थे तलाशे ऐ इश्क में
अपनी तनहाईयों से लड़ कर

मगर
:
:
:
:
:
:
:
:
:
तावङो घणो थो तो गन्ना रो रस पिर पाछा आग्या ......

शुक्रवार, 1 मई 2015

सूजी

एक ईसाई खुद री लुगाई ने घणी भांगी,
ठोक ठोका ने वो तो बारे गयो।
खने एक मारवाड़ी लुगाई रेवती वा वीरे खने गई और पूछ्यो
थाने तो थाना धणी घणी भांगी-आपरो नाम काईन है??
लुगाई बोली-सूजी(suzi),
मारवाड़ी लुगाई-ऐ मारी माँ इत्ती भांगी तो सूजी कोनी तो कई रेई। हाल तो बाई सूजी है काले पाकेला हावल ध्यान राखजो सा।

बुधवार, 29 अप्रैल 2015

थोड़ा दिना पछे ए शायद कोनी मिलेला

थोड़ा दिना पछे ए शायद कोनी मिलेला ⌛

 लुगाईओ में लाज,
दिलों में राज,
चुल्हा री आग,
सरसुं रो साग,
सिर उपर पाग,
संगीत रा राग,

.... कोनी मिलेला सा ...

औंगण में ऊखल,
कूण म मूसल,
घरां में लस्सी,
लत्ते टांगण की रस्सी
रिश्तों रो उजास,
दोस्तों रो गरमास,
पहलवानां री लंगोट,
हनुमानजी रो रोट,
घूंघट आली लुगाई,
गावं म दाई, 

..... कोनी मिलेला सा ....

सासरा में लाडू ,
तैवार माथे साडू,
दोस्तां साथे भोज,
सुबह शाम नितरोज,
िचड़ी बल्ला रो खेल,
WHatsapp माते मेल,

.......कोनी मिलेला सा .....

बात सुनती घरआली,
हँस बतलावती साली,
घरां में बुढ्ढा,
बैठकां में मुड्डा,
अलपता टाबर,
सुहावता आखर,
अनजानो री आशीष,
कमतर ने बक्शीस,
राज में भला,
ने बंद गला,

.....कोनी मिलेला सा...

शहर री आन,
मुछों री शान
ताऊ रो हुक्का,
ब्याह रो रुक्का,
हिसाब री पर्ची,
गली वालो दर्ज़ी ,
पाटडे माते नहाणो,
पत्तल पे खाणा,
पाणी भरेडा देग,
बेन बेटी रो नेग,

.........कोनी मिलेला सा ....

खाणो वाइफ रो

खाणो वाइफ रो,
पाणी पाइप रो, ,
ध्यान एक री,
सलाह दो  री,
गावणो तीन रो,
चोकडी चार री,
पंचायती पान्च री,
छाती कुटो छ: रो,
प्यार भाई रो,
नशो दवाई रो,
दूध गाय रो,
स्वाद मलाई रो,
वेर दुश्मन रो,
वगार राई रो,
एको नाई रो,
घर लुगाई रो,
टोन्को दर्ज़ी रो
मेसेज दमजी रो
न्याय ताकडी रो,
साग काकडी रो,
जाल मकडी रो,
बलितो लकडी रो,
घी जाट रो,
तेल हाट रो,
तोलणो बाट रो,
लाडु सुण्ठ रो,
महीनो जून रो,
कपडो ऊन रो,
घाघरो वरी रो,
और नाम बोलो हरी रो। 

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सोमवार, 27 अप्रैल 2015

5 मारवाड़ी सब्जियो के नाम

मारवाड़ मे एक नरसरी क्लास के

हिन्दी के ओरल पेपर मे मेडम ने पुछा की

,,५सब्जियो के नाम बताओ ?

,, बच्चा बोला,,,-





पापड,बडिया,राबोडि,गट्टा,मोगर

शनिवार, 25 अप्रैल 2015

खेत में एक सांप

भोत पुराणी बात है.....म्हारै गाँव में एक गरीब आदमी हो
बापड़ो
बो एक दिन खेत गयो, ।
खेत में एक सांप बिंगे पग गै डंक मार दियो,

बो आदमी रोयो कोनी आप गो पग सांप गे आगे कर दियो ..

कैवै
..ले और मारलै डंक,

सांप बिंगे २-३ डंक और मार दिया,

आदमी आपगो पग और आगे कर दियो कै ..

.ले और मारलै डंक

सांप और ४-५ डंक मार दिया ,

सांप बापड़ो डंक मारतो मारतो धाप ग्यो,

अर आदमी ने पूछ्यो कै भाया तूं आदमी है क कोई ओपरी छायाँ है?

तेरे मैं डंक मारण लागरयो हूँ कोई असर क्यों कोनी हुवै ..

आदमी बोल्यो कै सांप राजा मैं ओपरी छायाँ कोनी आदमी ही हूँ

पण मेरो ओ पग जयपुर स्यु ल्यायोडो है

महावीर विकलांग केंद्र स्यु ...

..................... हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

शक्ति स्तुति.........

शक्ति स्तुति.........

करणी करुणा कारिणी , काटण कठण कलेश l
आवड़ अम्ब अवतारिणी, आवौ आप अवेस  |

आदि सगत तू ईसरी, आवड. तू अवलम्ब
जुग तारण तू जोगणी,जै जै जै जगदम्ब

दुर्गा दुक्ख निवारिणी, दुस्ट दलन दातार
प्रकटौ पिनाकधारिणी, शरणागत साधार

चामुण्डा चकरेसरी, चरण शरण मैं तोय
पत राखौ परमेसरी मेहर करियौ मोय

करनल किरपा कीजिऐ ,धरूं तिहारो ध्यान
राजी होकर रीझिये ,दे दरसण को दान

नागाणा नित नमन करूं,नव नारायणी नाथ
नेह निज नवाज कर   हरदम राखौ हाथ (रतनसिहं चाँपावत )

नीति रा दुहा

नीति रा दुहा

सदा न संग सहेलियां, सदा न राजा देश
सदा न जुग में जीवणा, सदा न काळा केश ।।

सदा न फूले केतकी, सदा न सावण होय
सदा न विपदा रह सके, सदा न सुख भी कोय।।

सदा न मौज बसंत री , सदा न ग्रीसम भांण
सदा न जोबन थिर रहे, सदा न संपत मांण ।।

सदा न काहूं की रही , गळ प्रीतम के बांह
ढळतां-ढळतां ढळ गई, तरवर की सी छांह ।
पुराना

सत विहीणां साधवी

सत विहीणां साधवी, लाज विहीणां लोग
मत विहीणां मानवी रग रग रमियौ रोग 
(रतनसिहं)

कपटी कोजा कूड़, मिनख मरावण मोकळा
धोबां धोबां धूड़ , राळो मिलकर रतनसी
(रतनसिहं)

बातां हन्दा बावळा, गायड़मल्स घणांह
आगीवांण उतावळा ,जीवै किता जणांह

(रतनसिहं)

बङज्या

नौकरी के लिए इंटरव्यू चल रहा था....
बहुत लम्बी लाइन लगी हुईथी...
गेट पर लिख रखा था अंदर आने के लिए
जो सबसे कम शब्दबोलेगा उसे नौकरी दी जाएगी...
अब कोई कहे:- "मै आई कम इन सर!"
कोई:- "क्या में अन्दर आ सकती हूँ।"
कोई कुछ कोई कुछ ..
तभी एक मारवाडी का नंबर आया..
उसने कमरे के गेट में गर्दन भीतर डाली
और बोल्या :"बडूँ??"
सर: "बङज्या...!!!"

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

कठै गया बे गाँव आपणा

कठै गया बे गाँव आपणा
                  कठै गयी बे रीत ।
  कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
                 गयो जमानो बीत ||

  दुःख दर्द की टेम घडी में
            काम आपस मै आता।
मिनख सूं मिनख जुड्या रहता,
         जियां जनम जनम नाता ।

तीज -त्योंहार पर गाया जाता ,
                  कठै गया बे गीत ||
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
              गयो जमानो बीत ||(1)

गुवाड़- आंगन बैठ्या करता,
           सुख-दुःख की बतियाता।
बैठ एक थाली में सगळा ,
          बाँट-चुंट कर खाता ।

महफ़िल में मनवारां करता ,
              कठै गया बे मीत ||
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
             गयो जमानो बीत ||(2)

कम पीसो हो सुख ज्यादा हो,
                उण जीवन रा सार मै।
छल -कपट,धोखाधड़ी,
               कोनी होती व्यवहार मै।

परदेश में पाती लिखता ,
                  कठै गयी बा प्रीत ||
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
                  गयो जमानो बीत ]

पाळ पुराणी जळ नवो

पाळ पुराणी जळ नवो, हंसा बेठो आय।
प्रीत पुराणी कारणे, चुग चुग कांकर खाय॥

साजन हम तौ मोर हे ,तुम सावन को मेह।
हम तो जानत बरसबो, तुम देवत हो छेह॥

दिन सोळह उनमाद रा,सोले बरसा नार ।
ससि बदनी सोळह कला, सोले सज सिणगार॥

साजन ऐसा कीजिए,  ढाल सरीसा होय ।
सुख मे तो पाछे रहे, दुख मे आगे होय॥॥

शेरी मिंतर सब मिळै
ताळी  मिंत अनेक।
जिण मे सुख दुःख वामिये,
सो लाखो में एक॥

दारूरा दुरगण (दूहा)


पिण्ड झड़े , रोबा पडे़ , पड़िया सड़े पेंषाब ।
जीब अड़े पग लडथडे़, साजन छोड़ शराब ।। १ ।।
कॉण रहे नह कायदो, अॅाण रहे नह आब।
(जे) राण बाण नित रेवणो,(तो) साथी छोड शराब
11 २ 11
जमी साख जाति रहे ,ख्याति हुवे खराब ।
मुख न्याति रा मोड़ले ,साथी छोड़ शराब 11 ३ 11
परणी निरखे पीवने , दॉत आंगली दाब।
भॉत भॉत मंाख्यंा भमे, साजन छोड़ शराब 11 ४ 11
आमद सू करणो इधक , खरचो घणो खराब ।
सदपुरखॉ री सीखहे, साथी छोड़ शराब 11 ५ 11
सरदा घटे शरीर री , करे न गुरदा काम।
परदा हट जावे परा, आसव छोड़ अलाम 11 ६ 11
कहे सन्त अर ग्रंथ सब , निष्चय धरम निचोड़ ।
जे सुख चावे जीवणो, (तो) छाक पीवणो छोड़ 11 ७
11
मोनो अरजी रे मनां , मत कर झोड़ झकाळ।
छाक पीवणी छोड़दे, बोतल रो मुॅहबाळ 11 ८ 11
चंवरी जद कंवरी चढी, खूब बणाया ख्वाब ।
ख्वाब मिळगया खाक मे, पीपी छाक शराब 11 ९
11
घर मांेही तोटो घणों, रांधण मिळेन राब।
बिलखे टाबर बापड़ा , साजन छोड़ शराब ।। १0 ।।
दारू में दुरगण घणा , लेसमात्र नह लाब ।
जग में परतख जोयलो , साथी छोड़ शराब ।। ११ ।।

मोहन सिंह जी रतनू कृत

गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

राजस्थानी री राजमानता खातर

5 मई रै दिन मायङ भाषा राजस्थानी री राजमानता खातर दिल्ली मांय धरणों राखिज्यो छै ।अबै सरकार सूं आरपार री जंग तेवङ दी छै।इण महताऊ कारज नै सफळ बणाबा खातर ,शेखावाटी अंचल रै मायङ भाषा हेताळुवां रो सामेळो 26/04/15 रै दिन 11:00 बज्यां जांगिङ भवन रेलवे स्टेसण रै नेङै राखिज्यो छै।इण सामेळै रा आगीवाण राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति रा प्रदेश पाटवी कर वीणा कैसेट्स रा डाइरेक्टर के.सी.मालू सा है....आप सगळां नै सामुहिक हेलो छै कै,इण माण री लङाई में मायङ खातर बत्था सूं बत्था संगळ्यां नै लेय'र पूगो सा..
जय राजस्थानी
जय राजस्थान
जय हिन्द

सीकर में राखीज्यो छै

मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

आखातीज रो त्यौहार

" डागलियै चढ किनो उडासो

मिल सगला रमझोल मचासो

खिचडलो घी भर-भर खासो

इमलोणि रो रस भी पासो

छायी मनडे ऊमंग अपार

आयो आखातीज रो त्यौहार"

भाटो मार

प्राइवेट स्कूल के बच्चे चिड़िया घर में बंदर को सोते
देखकर oh!! Wow monkey is sleeping ::: dont
disturb.
..
...
.... Govt.school ke bacche

ऐ जग्दिश्या देख थारो बाप हुत्तो हे। भाटो मार

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

Bikaner city

528 वर्ष पूर्व राव बीकाजी द्वारा हुई थी
बीकानेर की स्थापना
विक्रम संवत् 1545 के वैशाख मास के शुक्ल पक्ष
की द्वितीया तिथि को ।
विश्व प्रसिद्ध चूहों के मंदिर ( जो बीकानेर से
लगभग तीस किलोमीटर दूर देशनोक में स्थित
है ) में जिस देवी की मूर्ति है , उनका नाम
करणी माता है ; वे उस समय सशरीर इस मरुधरा
जांगळ प्रदेश में विद्यमान थीं । उनके आशीर्वाद
से जोधपुर राजघराने के राजकुंअर बीका ने अपने
पिता और अन्य लोगों के ताने को चुनौती रूप
में स्वीकार करते हुए , अपने चाचा कांधलजी के
साथ कड़ी श्रम -साधना , संघर्ष और जीवटता के
बल पर इस बंजर निर्जन भू भाग को रसा - बसा
कर बीकानेर नाम दिया ।
अक्षय द्वितीया के दिन बीकानेरवासी गेहूं
और मूंग का खीचड़ा घी मिला कर इमली और
गुड़ से बने स्वादिष्ट पेय इमलाणी के साथ जीमते
हैं , और घरों की छतों पर पतंग उड़ा कर हर्ष -
उल्लास से उत्सव मनाते हैं । यह हंसी- ख़ुशी , हर्ष
-उल्लास और उत्सव का माहौल अगले दिन
अक्षय तृतीया तक और भी जोशोख़रोश के
साथ उत्तरोतर बढ़ता ही जाता है ।
यहां के दर्शनीय स्थलों में प्रमुख हैं -
श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर , नागणेचेजी का मंदिर ,
भांडाशाह जैन मंदिर , जूनागढ़ किला , लालगढ़
पैलेस , म्यूज़ियम , लालेश्वर महादेव मंदिर -
शिवबाड़ी , करणीमाता मंदिर - देशनोक ,
कपिलमुनि मंदिर और सरोवर - कोलायत , गजनेर
पैलेस आदि… ।
यहां के भुजिया , मिश्री , पापड़ , मिठाई ,
नमकीन आदि जगप्रसिद्ध हैं ही ।

भुतोलियो

मारवाड़ी री एक
छोरी ने अंग्रेजी बोलणा
रो शौक़ छडीयो
ऑटो में बैठ ने जावे री थी
एक दम धूल आई तो बोली
.
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ओ माय गॉड... भुतोलियो

बुधवार, 15 अप्रैल 2015

प्रिय पत्नियों

कुंभ मेला नजदीक आ रहा हैं ।
साधुओं की संख्या हर साल बढती जा रही है ।
अपने पतियों को परेशान मत कीजिए ।
उन्हें प्यार से सम्भालिए ।

जनहित मे जारी

––––––––––––––––
आज सुबह मैं जेसे ही घर से निकला..एक बिल्ली मेरा रास्ता काट गई..मैं वहीँ रुक गया..

तो बिल्ली हँसते हुए बोली.._
अबे निकल जा..तेरी तो शादी हो चुकी हे...अब इससे बुरा तेरा क्या होगा....?

बीवी बच्चे वाले

स्कूल मे भी तूफ़ानी अध्यापक -
छात्र से -'बताओ तुम इतिहास पुरूष मॆ सब से
ज्यादा किससे नफरत करते हो
बच्चा राजा राम मोहन राय से
अध्यापक - क्यू ??
बच्चा - उसी नें बाल विवाह बँद करवाया था
वरना आज हम भी बीवी बच्चे वाले होते !

आधुनिक दोहे

यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते :-

नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
       बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!
      कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
     बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
      बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
      पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
      मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
     पापी करते जागरण, मचा-मचा   कर शोर!
पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
     भंडारे करते फिरें,और घर में भूखा बाप!  पंडित आनन्द जोधपुर

ग्रेट बीकानेरी


काल म्हारी गर्लफ्रेंड म्हारो दिल तोड दयो
तो मन होयो के दुनिया छोड़ देऊँ.

फेर पाछे मारा दिल ने समझायो

के बेटा थारे सु रजनीगन्धा तो छुटे कोनी
दुनिया कई  छुटसी

एक बीकानेरी सुसाइड करने के लिए 50 रुपए का ज़हर लेने दुकान पर गया और बोला 33 का जहर देना और ....

और

17 की रजनीगंधा डबल जीरो  दे देना !!
––––––––––––––––––––
Snapdeel वालो ने व्यास जी को फोन किया
Snapdeel : नमस्कार हम देशवाशियो को सस्ती चीज उपलब्ध कराते है। आप क्या खरीदना चाहेंगे।
व्यास जी : सच्ची सब चीज
Snapdeel : हाँ हमारा तो नारा ही ये है " पैसे बचाते रहो"
व्यास जी : ठीक है आप से रोज की डील कर लेता हु। ज्यादा छूट दोगे?
Snapdeel : हाँ हाँ बिल्कुल बताओ क्या भेजे।
व्यास जी : आपोरे तो रोज भोरान्भोर जूनिया महाराज री दो कचोली साग री तरी सागे भेज दिए भायला। और हो हिसाब ........ कॉपी में लिख लिए।
–––––––––––––––––––––
बिस्सा जी : एक बात बताओ व्यास जी रास्ते में एक 100 रो और एक 500 रो नोट पड़ियो हुवे तो थो किसो उठासो ?
व्यास जी : हूँ तो 500 रो उठायिस
बिस्सा जी : ईये वास्ता ही तो व्यासों ने लोग आधा गेला केवे 100 भोमियो जी रे चढ़ावने छोड़सो क्या ?
––––––––––––––––––––––
एक बार अमेरिका रे राष्ट्रपति ने बीकानेर
वालों बीकानेर ले आयो, पाटे पर बुजुर्ग बाबा सूं परिचय करवाने वास्ते बाबा ने  केयों...

"बाबा इयोने जानो हो क्या - अमेरिका रा राष्ट्रपति हें"

बाबा: "जानियों कोयनी, ए केरे परनिजियोडा हें.
––––––––––––––––––––
गुजराती बाई  : मने डिवोर्स जोए छे,
                     मारा पति एक्टिव नथी
        
  जज :   पन तमारा पती तो
                   ..कबड्डी च्येम्पियन छे

गुजराती बाई  : एज तो प्रोब्लेम छे..
       ....ख़ाली टच करी ने भागी जाई छे....

Geography की मैडम

भूगोल की मैडम बहुत दुबली पतली थी..

उसकी पोस्टिंग नागौर में हो गई..।

एक दिन वो क्लास में पाठ दोहरा रही थी..
"बोलो बच्चों धरती घुमती हुई क्यों नज़र आती है..?"

रमेस्यो बोल्यो,
"मैडम जी कुछ ख़ा लिया करो..
बिना खाया आ
धरती तो इया ही घुमेली..।"

उतावल - उतावल

एक गाव की लड़की कॉलेज में अपनी सहेलियों के साथ खाना खाते टाइम टिफिन खोल के बोली .
.
.
.
.
.
.

.
Oh my god..... उतावल - उतावल में कांदे लाना तो भूल ही गई

Geography की मैडम

भूगोल की मैडम बहुत दुबली पतली थी..

उसकी पोस्टिंग नागौर में हो गई..।

एक दिन वो क्लास में पाठ दोहरा रही थी..
"बोलो बच्चों धरती घुमती हुई क्यों नज़र आती है..?"

रमेस्यो बोल्यो,
"मैडम जी कुछ ख़ा लिया करो..
बिना खाया आ
धरती तो इया ही घुमेली..।"

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

मरसिया जनरल हणूँतसिंध जी रा..

जनरल जस चावो कियो,जबर जोध जसोळ
पुरसारथ परधान नर, हणवत वीर हरोळ

जोधो जोर जलमियो, जीवत जुगां परमाण
अवनी भार उतारियो,ओ माहेचो महिराण

त्यागी योगी तपस्वी ,आदत सूं अवधूत
अवनी पण अवतरियो, राजृषि रजपूत

उन्नीस सो इकोतरे, बसंतारे रणथाम
पाक प्रकट पछाड़ियो,महवीर महानाम

ज्ञानी ध्यानी बहुगुणी. ब्रह्मचारी बड़भाग
मान बढायौ मरूधरा, उपजायौ अनुराग

कीरत रा कमठांण में,हीरक मणि हणूंत
माटी महिमा गाावसी  साँचो वीर सपूत
(रतनसिहं चाँपावत रणसीगाँव कृत)

शेर शिकारियां रे खोदियोड़े खाडे में ठोकीज गियो

एकर एक शेर शिकारियां रे खोदियोड़े खाडे में ठोकीज गियो ।
डाफाचूक होयोड़ो शेरराजा अठी उठी निंगै करण लाग्यो, घणा ई तड़पा तोड़िया परंतु अबकल तो दाता जबरा इज पजिया "बब्बर पिंजरै घालिया, क्या करै बळवंत"
शेर ने ऐड़ी हालत में देख एक वौंदरो शेर री मजाक उडावण लागो ।
कंई रे शेरिया, डोफा घणो ठाकर होयोड़ो फिरतो हो, हमें मगज ठीये आयो? हमार घड़ी जेज में बावरी आवैला और थनै घोदा दे देन मारैला और थारो खालड़ो राजा रै दरबार में भींतीजैला, थारा नख और दांतां सूँ पहाड़वाळा बैदजी ताकत री दवाइयां बणावैला ।
शेर बापड़ो पैलाई दुखी हो ऊपर सूँ वौंदरा रा चूँठिया जाणै बळबळता डाम ।
जितरै ही वा डाळ जिण पर वौंदरो बैठो हो तड़ाक करतीरी तूटगी और वानरराज गप्प करतोड़ा उणीज खाडा में ठोकीजगा जिण में शेर हो ।
पड़ता पाण ही वौंदरो कूकियो
"बावसी जोगमाया री सोगन, आपसूँ माफी मांगण वास्ते ही म्हें टप्पो दियो है"

सोमवार, 13 अप्रैल 2015

होडा होड़ में गोडा नहीं फोड़ना

एक तोता और उसका मालिक aeroplane में सफ़र
कर रहे थे
''Air hostess पास से निकली तो तोते ने Siti
बजाई तो वो मुड कर मुस्करा दी मालिक ने ये
देखा तो उसने भी बजा दी,
Air hostess ने Cmplain कर दी announce हुआ
कि दोनों को नीचे फ़ेक दिया जाये दरवाजे पर
तोता मालिक से बोला.
''उडनो आवे है?
मालिक:-नहीं!!!!
तोता:-तो पछे थारी माँ ने रोवने
सिटी बजायी ही कई????
Moral-होडा होड़ में गोडा नहीं फोड़ना!!!!! —

अस्सी हाँ

एक बार एक Punjabi कुए में
गिर गया...
...और जोर जोर से रोने लगा !!
एक मारवाड़ी वहाँ से जा रहा था
उसने आवाज सुनी तो रुका
और बोला :
" कुण है भाई ?"
Punjabi : अस्सी हाँ !!
मारवाड़ी: " भाई !
एक-दो होता, तो काड देतो...
80 तो म्हारै बाप से कोणी निकळै!!!"
पड्या रेओ !

रविवार, 12 अप्रैल 2015

शिकायत "मौत" से नहीं ...

शिकायत "मौत" से नहीं ... "अपनों" से

थी मुझे....

जरा सी आँख बंद क्या हुई .... वो कब्र खोदने

लगे...!!

पन मु तेज पडीयो..झट खडो वेइन दिदि

रेपटा..!!

शनिवार, 11 अप्रैल 2015

भुंगडा और नमकीन

एक लड़का शादी के लिए लडकी देखने गया

उसने सोचा , क्यों न लडकी से अंग्रेजी में बात की जाए....

उसने लडकी से पूछा--"इंग्लिश चलेगी ना......"??

लडकी शरमाते हुए बोली- 'भुंगडा और नमकीन साथ हो तो ' "देसी " भी चलेगी !!

हिंडा खवा देवु

1 बार 1 मारवाड़ी साईकिल से जा रहा था

रस्ते में एक भिखारी मिला वो बोला

बाबु कुछ खिलादो

मारवाड़ी :तू लारे बेठ ज्या

तन हिंडा खवा देवुं

जवाई

दूर जवाई फ़ूल बराबर,

गाव जवाई आधो..

घर जवाई गधा बराबर

मन आवे जो लादो !!

आ दातल्ली केडी

मारवाड़ी कविता

आ दातल्ली केडी,
रजको वाडे जेडी
ओ रजको केडो,
भैंयो ने नोके जेडो
ऐ भैंयो केडी,
दुध दे जेडी
ओ दुध केडो,
दही वणे जेडो
ओ दही केडो,
मोखण वणे जेडो
ओ मोखण केडो,
घी वणे जेडो
ओ घी केडो,
बाटियो सोपडे जेडो
ऐ बाटियो केडी,
पोमणा जिमे जेडी
ऐ पोमणा केडा,
चुल्हा में नोके जेडा

मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

ग्वार फली

ग्वार फली ₹100  किलो...

सोचो,

पढी लिखी होती तो कितना भाव खाती।

आदमी रो पग

आज री बात कोनी है
बहुत पुराणी बात है

........
म्हारै गाँव में एक गरीब आदमी हो
एक दिन खेत गयो ।
खेत में एक सांप उने पग माथे डस दियो,

बो आदमी रोयो कोनी
आप को पग फेर सांप के आगे कर दियो ..

कैवै
..ले और डस जा म्हने,

सांप उने पग माथे २-३ जगह और डस गियो,

आदमी आपगो पग और आगे कर दियो कै ..

.ले और डस ले


सांप और ४-५ डस गियो ,

सांप बापड़ो उन्हें डस डस ने धाप ग्यो,

अर आदमी ने पूछ्यो
कै भाया तूं आदमी है या कोई ऊपरी छायाँ है?

थने इतो डस गियो हूँ कोई असर कियूं नी हुवै ..

आदमी बोल्यो.... सांप राजा मैं ऊपरी छायाँ कोनी आदमी ही हूँ


पण म्हारो  ओ पग उदयपुर के नारायण सेवा संसथान सू लगायोडो है..... .

शनिवार, 4 अप्रैल 2015

Chating between Jodhpuri bf & gf

. English chating on facebook between bf & gf of delhi...
Boy : Hello
Girl : Hey
Boy : Whats up baby ??
Girl : Nothing much.
Boy : you had your dinner?
Girl : Its over honey, I had pizza.
Boy : Baby its very bad for health, eat sumthing
hygenic.
Girl : Ooh sweetheart. As you wish.
Boy : Ok bye sweety.
Girl : Bye honey. Take Care.
Boy : You too.
Now chating between
Jodhpuri
bf & gf
लड़का :कई सा
लडकी : कीकर है
लडका : कई करो हो
लडकी : की नई
लडका : जीम लिया ?
लडकी : हा सा .
लडका : कई खाओ
लडकी :रोटी ने हाग .
लडका : घणो मति खाईजे पाडी होजावेला
लडकी: थारे बाप रो खाऊ हुं कई मकता
लडका : मर आगी बेरा मै
लडकी  : हेडीकाडीया हमे फोन करीयो नी तो थारी माँ ने केदुला।
Blocked forever!!!!!

गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

जालोरी गेट की स्पेलिंग

संता : जल्दी से यहाँ एक 108 एम्बुलेंस भेज दीजिये, मेरे दोस्त को एक गाडी ने टक्कर मार दी है।
उसके नाक से और कान से खून  बह रहा है। शायद उसकी टांग भी टूट गयी है।

ऑपरेटर : आप किस जगह पर हैं कृपया वो बता दीजिये।

संता : हटड़ियो के चौक पर।

ऑपरेटर : आप मुझे हटड़ियो का चौक की स्पेलिंग बता दीजिये?

(आगे से कोई आवाज़ नहीं आई।)

ऑपरेटर : सर क्या आप को मेरी आवाज़ आ रही है?

(दूसरी तरफ से अभी भी कोई आवाज़ नहीं आई।)

ऑपरेटर : सर प्लीज, जवाब दीजिये, क्या आप मुझे सुन रहे हैं?

संता : हाँ- हाँ माफ़ करना, मुझे हटड़ीयो का चौक की स्पेलिंग नहीं आती, इसलिए मैं उसे घसीट कर जालोरी गेट पर ले आया हूँ। आप जालोरी गेट की स्पेलिंग लिखो।.

गूगल पर Search

एक आदमी गूगल पर Search किया कि....
" मारवाड़ी "
को वश मे कैसे करे...?..
answer aaya ki....
औकात से बाहर कुछ भी search ना करे...!!!

गूगल पर Search

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" मारवाड़ी "
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