बुधवार, 15 अप्रैल 2015

प्रिय पत्नियों

कुंभ मेला नजदीक आ रहा हैं ।
साधुओं की संख्या हर साल बढती जा रही है ।
अपने पतियों को परेशान मत कीजिए ।
उन्हें प्यार से सम्भालिए ।

जनहित मे जारी

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आज सुबह मैं जेसे ही घर से निकला..एक बिल्ली मेरा रास्ता काट गई..मैं वहीँ रुक गया..

तो बिल्ली हँसते हुए बोली.._
अबे निकल जा..तेरी तो शादी हो चुकी हे...अब इससे बुरा तेरा क्या होगा....?

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